सोना भी अब 'सर्जिकल' का हो गया शिकार, बंद हो गई प्यार से बीवी की मनुहार। बीवी की मनुहार चाहिए कंगन - बाली, वर्षगांठ हो यार चहे होली - दीवाली। हम भारत के लोग झेलते एकै रोना, घरवाली ललचाय देखकर हरदम सोना। - ओमप्रकाश तिवारी
नई- नवेली साथ में लावे खूब दहेज,
मोटर टीवी फ्रिज घड़ी महंगीवाली सेज।
महंगी वाली सेज भले घर जले न चूल्हा,
लेकिन मुँह फैलाय यहाँ बैठा हर दूल्हा।
हम भारत के लोग चाहते फ्लैट-हवेली,
लेकर आवे साथ दुल्हनिया नई-नवेली।
- ओमप्रकाश तिवारी
काजल की यह कोठरी यहाँ न उजला कोय,
दिखलाओ वह शख्स जो धुला दूध का होय।
धुला दूध का होय सियासत सिर्फ छलावा,
कौए ठोकें रोज हंस होने का दावा।
हम भारत के लोग जिन्हें समझें गंगाजल,
राजनीति में आय वही हो जाते काजल।
- ओमप्रकाश तिवारी
पहनावा मखमल ज़री घर ना भूनी भाँग,
चने-मुरमुरे जेब में पाँच सितारा स्वाँग ।
पाँच सितारा स्वाँग बात में गगनबिहारी,
ले दो हल्दी गाँठ बने बड़के पंसारी।
हम भारत के लोग करें भरपूर दिखावा,
फिर चाहे बिक जाय स्वयं तन का पहनावा।
- ओमप्रकाश तिवारी