Friday, March 3, 2023

भ्रष्टाचार की होड़

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जैसे भ्रष्टाचार की लगी हुई है होड़,
मिलें गड्डियां नोट की घर से कई करोड़।
घर से कई करोड़ हुई किस तरह कमाई,
जनता को भी आप जरा बतलाओ भाई !
हम भारत के लोग जी रहे जैसे-तैसे,
नेता के घर-द्वार लक्ष्मी बरसें जैसे !!
- ओमप्रकाश तिवारी

Saturday, December 3, 2016

सोना

सोना भी अब 'सर्जिकल' का हो गया शिकार,
बंद हो गई प्यार से बीवी की मनुहार।
बीवी की मनुहार चाहिए कंगन - बाली,
वर्षगांठ हो यार चहे होली - दीवाली।
हम भारत के लोग झेलते एकै रोना,
घरवाली ललचाय देखकर हरदम सोना।
- ओमप्रकाश तिवारी

Tuesday, April 19, 2016

फायरिंग

ऊँ
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गोली चले बरात में होयं बराती ढेर, 
फूफा-मामा हैं बने लिए दुनाली शेर।
लिए दुनाली शेर दनादन करते फायर,
सिर पे पगड़ी बांध बने हैं जनरल डायर। 
हम भारत के लोग जायं लेने को डोली, 
पर दिखलाते शान चलाकर पहले गोली। 
- ओमप्रकाश तिवारी 

Sunday, April 17, 2016

तालाब

ऊँ
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दादा के खोदे सभी पाट दिए तालाब, 
मंगवाते हैं ट्रेन से अब पीने को आब।
अब पीने को आब चली यदि यही कहानी,
लाएगा तब प्लेन टेम्स नदिया का पानी। 
हम भारत के लोग प्रगति कर बैठे ज्यादा,
तभी स्वर्ग में आज दुखी भागीरथ दादा।
- ओमप्रकाश तिवारी 

Sunday, March 22, 2015

दहेज

नई- नवेली साथ में लावे खूब दहेज,
मोटर टीवी फ्रिज घड़ी महंगीवाली सेज।
महंगी वाली सेज भले घर जले न चूल्हा,
लेकिन मुँह फैलाय यहाँ बैठा हर दूल्हा।
हम भारत के लोग चाहते फ्लैट-हवेली,
लेकर आवे साथ दुल्हनिया नई-नवेली।
- ओमप्रकाश तिवारी

Thursday, March 12, 2015

सियासत

काजल की यह कोठरी यहाँ न उजला कोय,
दिखलाओ वह शख्स जो धुला दूध का होय।
धुला दूध का होय सियासत सिर्फ छलावा,
कौए ठोकें रोज हंस होने का दावा।
हम भारत के लोग जिन्हें समझें गंगाजल,
राजनीति में आय वही हो जाते काजल।
- ओमप्रकाश तिवारी 

दिखावा

पहनावा मखमल ज़री घर ना भूनी भाँग,
चने-मुरमुरे जेब में पाँच सितारा स्वाँग ।
पाँच सितारा स्वाँग बात में गगनबिहारी,
ले दो हल्दी गाँठ बने बड़के पंसारी।
हम भारत के लोग करें भरपूर दिखावा,
फिर चाहे बिक जाय स्वयं तन का पहनावा।
- ओमप्रकाश तिवारी